एक पखवाड़े के भीतर इंडियन मार्केट में गोल्ड पर डिस्काउंट 5 फीसदी से घटकर 1 फीसदी पर आ गया है, क्योंकि डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने मुंबई, कोलकाता, कोच्चि, चेन्नई और अहमदाबाद के जरिए स्मगलिंग वाले गोल्ड के मूवमेंट को रोकने के लिए अपनी मुहिम तेज कर दी है। बुलियन ट्रेडर्स ने बताया कि फाइनेंस मिनिस्ट्री के साथ हालिया मीटिंग में उन्होंने अवैध रूट से गोल्ड की एंट्री का मामला उठाया था। एसोसिएशन ऑफ गोल्ड रिफाइनरीज एंड मिंट्स के सेक्रेटरी जेम्स जोस का कहना है, 'मार्च के बाद से हमें बुलियन के ऑफिशियल इंपोर्ट्स में 50-60 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। इस अंतर की भरपाई ग्रे मार्केट रूट से की जा रही थी, जो डेली इंटरनेशनल रेट पर 5 फीसदी का डिस्काउंट ऑफर कर रहे थे, जिससे ऑफिशियल गोल्ड सेक्टर का बिजनेस कम हो रहा था और सरकार को रेवेन्यू का नुकसान हो रहा था।'
गोल्ड ट्रेड से जुड़ी सभी एसोसिएशंस ने अवैध रूट के जरिए गोल्ड की एंट्री को लेकर सरकार के सामने अपनी बात रखी थी। बुलियन फेडरेशन के हरेश आचार्य का कहना है, 'इसने सरकार को अवैध रूट के जरिए गोल्ड की एंट्री रोकने के लिए सिक्योरिटी जांच बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। देश भर में डीआरआई ने बड़ी मात्रा में गोल्ड जब्त किया है।' वहीं, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने संकेत किया है कि इस साल अवैध रूट के जरिए भारत में करीब 160 टन सोने की एंट्री हो सकती है। जोस ने बताया कि उपलब्ध गोल्ड पर डिस्काउंट घटकर 1 फीसदी पर आ गया है, जो इस महीने के आखिर तक बिलकुल खत्म हो जाएगा। उन्होंने बताया, 'गोल्ड इंडस्ट्री की यह भी राय है कि अगर गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी को मौजूदा 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी पर ले आया जाए तो इसकी स्मगलिंग को रोका जा सकता है।' गोल्ड इंपोर्ट्स, एक समय भारत के ट्रेड बिल में एक प्रमुख कंट्रीब्यूटर था। जुलाई में यह 31 महीने के निचले स्तर 107.81 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। रिजर्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि सालाना आधार पर गोल्ड का इंपोर्ट 63.65 फीसदी घटकर 1.08 अरब डॉलर रहा है, जो कि एक साल पहले 2.97 अरब डॉलर था। 2016 की पहली छमाही में भारत ने टोटल 199 टन गोल्ड का इंपोर्ट किया, जो कि पिछले साल की समान अवधि में किए गए इंपोर्ट के वॉल्यूम के मुकाबले आधा था। हालांकि, अगस्त में गोल्ड इंपोर्ट के आधिकारिक आंकड़े अभी नहीं आए हैं, लेकिन बुलियन ट्रेडर्स का कहना है कि यह जुलाई के स्तर पर ही रह सकता है। गोल्ड का हायर इंपोर्ट इसकी कीमत पर भी निर्भर करेगा। इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक गोल्ड की कीमतों में 25 फीसदी की तेजी आई है। फिलहाल, भारत में गोल्ड ट्रेड की नजर इस बात पर है कि अगले हफ्ते फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी करता है या नहीं।
गोल्ड ट्रेड से जुड़ी सभी एसोसिएशंस ने अवैध रूट के जरिए गोल्ड की एंट्री को लेकर सरकार के सामने अपनी बात रखी थी। बुलियन फेडरेशन के हरेश आचार्य का कहना है, 'इसने सरकार को अवैध रूट के जरिए गोल्ड की एंट्री रोकने के लिए सिक्योरिटी जांच बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। देश भर में डीआरआई ने बड़ी मात्रा में गोल्ड जब्त किया है।' वहीं, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने संकेत किया है कि इस साल अवैध रूट के जरिए भारत में करीब 160 टन सोने की एंट्री हो सकती है। जोस ने बताया कि उपलब्ध गोल्ड पर डिस्काउंट घटकर 1 फीसदी पर आ गया है, जो इस महीने के आखिर तक बिलकुल खत्म हो जाएगा। उन्होंने बताया, 'गोल्ड इंडस्ट्री की यह भी राय है कि अगर गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी को मौजूदा 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी पर ले आया जाए तो इसकी स्मगलिंग को रोका जा सकता है।' गोल्ड इंपोर्ट्स, एक समय भारत के ट्रेड बिल में एक प्रमुख कंट्रीब्यूटर था। जुलाई में यह 31 महीने के निचले स्तर 107.81 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। रिजर्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि सालाना आधार पर गोल्ड का इंपोर्ट 63.65 फीसदी घटकर 1.08 अरब डॉलर रहा है, जो कि एक साल पहले 2.97 अरब डॉलर था। 2016 की पहली छमाही में भारत ने टोटल 199 टन गोल्ड का इंपोर्ट किया, जो कि पिछले साल की समान अवधि में किए गए इंपोर्ट के वॉल्यूम के मुकाबले आधा था। हालांकि, अगस्त में गोल्ड इंपोर्ट के आधिकारिक आंकड़े अभी नहीं आए हैं, लेकिन बुलियन ट्रेडर्स का कहना है कि यह जुलाई के स्तर पर ही रह सकता है। गोल्ड का हायर इंपोर्ट इसकी कीमत पर भी निर्भर करेगा। इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक गोल्ड की कीमतों में 25 फीसदी की तेजी आई है। फिलहाल, भारत में गोल्ड ट्रेड की नजर इस बात पर है कि अगले हफ्ते फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी करता है या नहीं।
अभी रजिस्टर करे और कामये दुगना मुनाफा।
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